देवी के मनाइब बनी हम नचनिया ये बालम। देवी के मनाइब बनी हम नचनिया ये बालम।
खोला किवाड़ खाली मिला द्वार इधर उधर देखा कई बार देखा सभी ओर खोला किवाड़ खाली मिला द्वार इधर उधर देखा कई बार देखा सभी ओर
ये लंगोटधारी ये लंगोटधारी
लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा..
गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे गर्मी की तपन न ठंड की कंपन, मन प्रफुल्लित जो करे बाग देख हरी-भरे
ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते ये पत्ते, हरे पत्ते देखते हैं जमीं पर गिरे पीले पत्ते